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Showing posts from March, 2019

क्यों?

तू ना जाने क्या समझती है मुझे, जो हर वक़्त अपनी चलाती है, जिंदगी तू ना जाने क्यों रूठ जाती है? मैं तेरे पास, तू मुझसे दूर क्यों जाती है, मैं उदास, तू खुश क्यों हो जाती है, तू मेरा दर्द महसूस क्यों नही कर पाती है, तू मेरे राज़ मुझी से क्यों छुपती है, अए जिंदगी तू ना जाने क्यों रूठ जाती है? मेरी जिंदगी तू ना जाने क्यों रूठ जाती है?

क्या कहोगे तुम?

क्या कहोगे तुम? मेरे हर सवाल के जवाब में, तुम्हारे दिए हर घाव में, पुराने वादों के हिसाब में, अधूरी मुलाकात में, क्या कहोगे तुम? मुस्कान में लिपटे जस्बात पे, गुजरे हुए हालात पे, बेअदब लिबास पे, टूटे खयाल पे, क्या कहोगे तुम? मैं तुम्हारे साथ हूँ, एक बीती बात है, कुछ बिगड़े हालात थे, या नई शुरुआत है, आखिर क्या कहोगे तुम? ©मिश्रा_श्रेयष