क्यों?

तू ना जाने क्या समझती है मुझे, जो हर वक़्त अपनी चलाती है,
जिंदगी तू ना जाने क्यों रूठ जाती है?

मैं तेरे पास, तू मुझसे दूर क्यों जाती है,

मैं उदास, तू खुश क्यों हो जाती है,

तू मेरा दर्द महसूस क्यों नही कर पाती है,

तू मेरे राज़ मुझी से क्यों छुपती है,

अए जिंदगी तू ना जाने क्यों रूठ जाती है?
मेरी जिंदगी तू ना जाने क्यों रूठ जाती है?

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