हम लड़के हमेशा छुप के रोते हैं

हम ख़ामोश, तुम्हारी खुशी में होते हैं।
हम लड़के हमेशा छुप के रोते हैं।

परिवार पे सवाल हो,
या छोटे भाई, दोस्तो का बवाल हो,
हम सब संभाल लेते हैं,

पापा की घड़ी, माँ कि टिकली बिंदी,
हम हमेशा अपने आप से सजा के रखते हैं,
सपनो में ही सही खुद उनके नज़दीक भटकते हैं।

हम अकेले डर डर के सोते हैं,
हम लड़के हमेशा छुप के रोते हैं।

बेहेन की डांट, और बड़े भाई का प्यार,
हमे भी रिझाता है,
कोई साथ न हो तो हमे भी बुरा ख्वाब नींद में डराता है,
मगर हम तकिये के गले लग अलग ही सोते हैं,
किसी को बिन बताये ख़ूब रोते हैं।

वो यारों की यारी,
फिर रात भर बातें तुम्हारी,
दोस्ती में प्यार,
और प्यार से दोस्ती की साझेदारी,
फिर अचानक सबकी नज़रो में गिरकर,
हाय! हमारी इज्ज़त बेचारी।

बिन माँ के रहना हो,
या बिन पिता के तकलीफें सहना हो,
मुस्कुराते हुए सब सह लेते हैं,
फिर एक रोज़ से हर रोज़ हमारे कंधे भी झुक के रह लेते हैं।

हम ख़ामोश तुम्हारी ख़ुशी में होते है।
हम लड़के हमेशा छुप के रोते है।

@मिश्रा_श्रेयष

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